Hindi India and UN

Hindi

भारत तथा संयुक्त राष्ट्र

मानवाधिकार

भारत ऐसे समग्र तथा एकीकृत दृष्टिकोण का समर्थक है, मानवाधिकार की अंतर-निर्भरता, अंतर संबध, एकात्मकता ’र सार्वभमिकता पर र देता है। भारत का रुख विकास, मानवाधिकार, लोकतंत्र तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के बीच अंतरसंबंध पर ोर देने का है। भारत ने मानवाधिकारों की सार्वभम उद्‘ोषणा का प्रारूप तैयार करने में सक्रिय भूमिका निभाई। डॉ. हंस मेहता, एक गांधीवादी रानीतिक कार्यकर्ता ’र सामािक कार्यकर्ता, ने भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व किया था ’र उन्होंने इस उद्‘ोषणा का प्रारप तैयार करने में महत्वपूर्ण योगदान किया था ’र विशेषकर लैंगिक समानता प्रदर्शित करने की आवश्यकता पर ोर दिया था। भारत वैश्विक उद्‘ोषणा में उल्लिखित अधिकारों के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है।

भारत छह प्रमुख मानवाधिकार प्रसंविदा/अभिसमयों नामतः अंतर्राष्ट्रीय नागरिक तथा रानैतिक अधिकार प्रसंविदा, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सामािक ’र सांस्कृतिक अधिकार प्रसंविदा, सभी प्रकार के नस्लवादी भेदभाव के उन्मूलन से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय अभिसमय, महिला‘ से सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन संबंधी अभिसमय, बाल अधिकारों (’र इसके दो वैकल्पिक प्रोतोकोल) से संबंधित अभिसमय ’र अशक्त व्यक्तियों के अधिकारों पर अभिसमय का पक्षकार रहा है। वर्ष 2007 में भारत अशक्त व्यक्तियों के अधिकारों से संबंधित अभिसमय को अनुसमर्थित करने वाले कुछ पहले देशों में से एक बना। वर्ष 2011 में भारत ने अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अभिसमय तथा इसके तीन प्रोतोकोल ’र संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी अभिसमय को अनुसमर्थित किया।

भारत पूर्व संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में एक सक्रिय भागीदार था, ’र वर्ष 1947 में आयोग के गठन के समय से ही यह इसका सदस्य था। वर्ष 2006 में इस आयोग को मानवाधिकार परिषद से प्रतिस्थापित किए ने के बाद भारत इस निकाय में 2006, 2007 लगातार सबसे अधिक मतों से चुने ाने वाले देशों में से एक रहा। भारत सार्वभमिक आवधिक समीक्षा तंत्र सहित मानवाधिकार परिषद के कार्य में सक्रिय रूप से भाग लेता रहा है ’र मानवाधिकार उच्चायुक्त के साथ ‘निष्ठ संपर्क बनाए हुए है।

पार-अटलांटिक गुलाम व्यापार

भारत ने दासता ’र पार-अटलांटिक गुलाम व्यापार के शिकार लोगों का सम्मान करने के लिए न्यूयार्क में एक स्थाई स्मारक के निर्माण के लिए संयुक्त राष्ट्र न्यास कोष में अप्रैल 2010 में 250,000 अमरीकी डॉलर का अंशदान करके इस कोष का सबसे बड़ा अंशदाता बना।

लिंग से संबंधित मुद्दा ’र महिला सशक्तिकरण

भारत लिंग समानता ’र महिला सशक्तिकरण को अत्यधिक महत्व देता है ’र यह बीिंग कार्यमंच के प्रति पूर्णतः समर्पित है। भारत संयुक्त राष्ट्र महिला की स्थापना में सर्वाधिक सक्रिय रूप से संलग्न रहा ’र यह इस नवीनतम संयुक्त राष्ट्र संस्था को सक्रिय समर्थन देता है।